Wednesday, 22 June 2016

कर्मों की आवाज

"कर्मों की आवाज़
      शब्दों से भी ऊँची होती है...!
"दूसरों को नसीहत देना
      तथा आलोचना करना.
             सबसे आसान काम है।
सबसे मुश्किल काम है
        चुप रहना और
              आलोचना सुनना...!!"
यह आवश्यक नहीं कि
       हर लड़ाई जीती ही जाए।
आवश्यक तो यह है कि
   हर हार से कुछ सीखा जाए ।।
          
सुप्रभात

Monday, 20 June 2016

1 जुलाई से बदल जाएंगे रेलवे के ये 10 नियम

1 जुलाई से बदल जाएंगे रेलवे के ये 10 नियम:
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अगर आप रेलवे में सफर करते हैं तो जरा इस खबर को ध्यान से पढ़ें। अगर आपने इस खबर को मिस कर दिया तो आपको परेशानी हो सकती है। दरअसल 1 जुलाई से रेलवे में कई बदलाव होने वाले हैं। अगर आप ने इस बदलावों के बारे में नहीं जाना तो आपकी मुश्किल बढ़नी तय हैं।

जानिए क्या है वो अहम बदलाव...

१ . वेटिंग लिस्ट का झंझट खत्म हो जाएगा। रेलवे की ओर से चलाई जाने वाली सुविधा ट्रेनों में यात्रियों को कन्फर्म टिकट की सुविधा दी जाएगी।

२ . 1 जुलाई से तत्काल टिकट कैंसिल करने पर 50 फीसदी राशी वापस किए जाएंगे।

३ . 1 जुलाई से तत्काल टिकट के नियमों में बदलाव हुआ है। सुबह 10 से 11 बजे तक एसी कोच के लिए टिकट बुकिंग होगी जबकि 11 से 12 बजे तक स्लीपर कोच की बुकिंग होगी।

४ . 1 जुलाई से राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में पेपरलेस टिकटिंग की सुविधा शुरु हो रही हैं। इस सुविधा के बाद शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में पेपर वाली टिकट नहीं मिलेगी, बल्कि आपके मोबाईल पर टिकट भेजा जाएगा।

५ . जल्द ही रेलवे अगल-अगल भाषाओं में टिकटिंग की सुविधा शुरु होने जा रही हैं। अभी तक रेलवे में हिंदी और अंग्रेजी में टिकट मिलती है, लेकिन नई वेबसाइट के बाद अब अलग-अगल भाषाओं में टिकट की बुकिंग की जा सकेगी।

६ . रेलवे में टिकट के लिए हमेशा से मारामारी होती रहती है। ऐसे में 1 जुलाई से शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में कोचों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

७ . भीड़भाड़ के दिनों में रेलगाड़ी में बेहतर सुविधा देने के लिए वैकल्पित रेलगाड़ी समायोजन प्रणाली, सुविधा ट्रेन शुरु करने और महत्वपूर्ण ट्रेनों की डुप्लीकेट गाड़ी चलाने की योजना है।

८ . रेल मंत्रालय ने 1 जुलाई से राजधानी, शताब्दी, दुरंतो और मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के तर्ज पर सुविधा ट्रेन चलाई जाएगी।

९ . 1 जुलाई से रेलवे प्रीमियम ट्रेनों को पूरी तरह से बंद करने जा रहा है।

१० . सुविधा ट्रेनों में टिकट वापसी पर 50 फीसदी किराए की वापसी होगी। इसके अलावा एसी-2 पर 100 रुपए, एसी-3 पर 90 रुपए, स्लीपर पर 60 रुपए प्रति यात्री कटेंगे।
जन हित में जारी

ट्रेन में बेफिक्र होकर सोएं, डेस्टिनेशन स्टेशन आने पर जगा देगा रेलवे :
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अगर आप रात के समय ट्रेन में सफर कर रहे हैं। रात में ही आपका डेस्टिनेशन स्टेशन आएगा, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। बेफिक्र होकर सोएं, क्योंकि अब आपका डेस्टिनेशन स्टेशन आने से पहले जगाने की जिम्मेदारी रेलवे की होगी। लेकिन इसके लिए आपको 139 पर फोन कर वेकअप कॉल-डेस्टिनेशन अलर्ट सुविधा अपने पीएनआर पर एक्टिवेट करवाना होगी।

ट्रेन में रात के समय सफर करने वाले यात्रियों को डेस्टिनेशन स्टेशन आने से पहले उठने में काफी परेशानी आती है। कई बार यात्री डेस्टिनेशन स्टेशन आने पर उठ नहीं पाते और ट्रेन आगे निकल जाती है। इससे बहुत परेशानी झेलना पड़ती है। इस परेशानी के निराकरण के लिए रेलवे ने वेकअप कॉल-डेस्टिनेशन अलर्ट सुविधा शुरू कर दी है। यह नई सुविधा कुछ ही दिन पहले ही शुरू हुई है, लेकिन प्रचार-प्रसार की कमी के कारण कई लोगों को इसकी जानकारी नहीं है।

➡ क्या है डेस्टिनेशन अलर्ट :

>इस सुविधा को डेस्टिनेशन अलर्ट नाम दिया गया है।

>सुविधा को एक्टिवेट करने पर डेस्टिनेशन स्टेशन आने से पहले ही मोबाइल पर अलार्म बजेगा।

>सुविधा को एक्टिवेट करने के लिए अलर्ट टाइप करने के बाद पीएनआर नंबर टाइप करना होगा और 139 पर सेंड करना होगा।

>139 पर कॉल करना होगा। कॉल करने के बाद भाषा चुने और फिर 7 डायल करें। 7 डायल करने के बाद पीएनआर नंबर डायल करना होगा। इसके बाद यह सेवा एक्टिवेट हो जाएगी

>इस सुविधा को वेकअप कॉल नाम दिया गया है।

➡ रिसीव होने तक बजेगी मोबाइल की घंटी

इस सेवा को एक्टिवेट करने पर स्टेशन आने से पहले मोबाइल की घंटी बजेगी। यह घंटी तब-तक बजती रहेगी, जब तक आप फोन रिसीव नहीं करेंगे। फोन रिसीव होने पर यात्री को सूचित किया जाएगा कि स्टेशन आने वाला है।

Thursday, 16 June 2016

full form

*Do we know actual full form of some words???*
*News paper =*
_North East West South past and present events report._
*Chess =*
_Chariot, Horse, Elephant, Soldiers._
*Cold =*
_Chronic Obstructive Lung Disease._
*Joke =*
_Joy of Kids Entertainment._
*Aim =*
_Ambition in Mind._
Date =
_Day and Time Evolution._
*Eat =*
_Energy and Taste._
*Tea =*
_Taste and Energy Admitted._
*Pen =*
_Power Enriched in Nib._
*Smile =*
_Sweet Memories in Lips Expression._

*SIM =*
_Subscriber Identity Module_

*etc. =*
_End of Thinking Capacity_
*OK =*
_Objection Killed_

*Or =*
_Orl Korec (Greek Word)_

*Bye =*♥
_Be with you Everytime._

*

राजा के हाथी

एक राजा के पास कई हाथी थे,
लेकिन
एक हाथी बहुत शक्तिशाली था,
बहुत आज्ञाकारी,
समझदार व युद्ध-कौशल में निपुण था।
बहुत से युद्धों में वह भेजा गया था
और वह राजा को विजय दिलाकर वापस लौटा था,
इसलिए वह महाराज का सबसे प्रिय हाथी था।

समय गुजरता गया  ...

और एक समय ऐसा भी आया,
जब वह वृद्ध दिखने लगा।

                    
अब वह पहले की तरह कार्य नहीं कर पाता था।
इसलिए अब राजा उसे युद्ध क्षेत्र में भी नहीं भेजते थे।

एक दिन वह सरोवर में जल पीने के लिए गया, लेकिन वहीं कीचड़ में उसका पैर धँस गया और फिर धँसता ही चला गया।

उस हाथी ने बहुत कोशिश की,
लेकिन वह उस कीचड़ से स्वयं को नहीं निकाल पाया।

उसकी चिंघाड़ने की आवाज से लोगों को यह पता चल गया कि वह हाथी संकट में है।

हाथी के फँसने का समाचार राजा तक भी पहुँचा।

                       राजा समेत सभी लोग हाथी के आसपास इक्कठा हो गए और विभिन्न प्रकार के शारीरिक प्रयत्न उसे निकालने के लिए करने लगे।

लेकिन बहुत देर तक प्रयास करने के उपरांत कोई मार्ग
नहि निकला.

तब राजा के एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि तथागत गौतम बुद्ध मार्गक्रमण कर रहे है तो क्यो ना तथागत गौतम बुद्ध से सलाह मांगि जाये.

राजा और सारा मंत्रीमंडल तथागत गौतम बुद्ध के पास गये और अनुरोध किया कि आप हमे इस बिकट परिस्थिती मे मार्गदर्शन करे.

तथागत गौतम बुद्ध ने सबके अनुरोध को स्वीकार किया और घटनास्थल का निरीक्षण किया और फिर राजा को सुझाव दिया कि सरोवर के चारों और युद्ध के नगाड़े बजाए जाएँ।

                          सुनने वालोँ को विचित्र लगा कि भला नगाड़े बजाने से वह फँसा हुआ हाथी बाहर कैसे निकलेगा, जो अनेक व्यक्तियों के शारीरिक प्रयत्न से बाहर निकल नहीं पाया।

          आश्चर्यजनक रूप से जैसे ही युद्ध के नगाड़े बजने प्रारंभ हुए, वैसे ही उस मृतप्राय हाथी के हाव-भाव में परिवर्तन आने लगा।

पहले तो वह धीरे-धीरे करके खड़ा हुआ और फिर सबको हतप्रभ करते हुए स्वयं ही कीचड़ से बाहर निकल आया।

अब तथागत गौतम बुद्ध ने सबको स्पष्ट किया कि हाथी की शारीरिक क्षमता में कमी नहीं थी, आवश्यकता मात्र उसके अंदर उत्साह के संचार करने की थी।

हाथी की इस कहानी से यह स्पष्ट होता है कि यदि हमारे मन में एक बार उत्साह – उमंग जाग जाए तो फिर हमें कार्य करने की ऊर्जा स्वतः ही मिलने लगती है और कार्य के प्रति उत्साह का मनुष्य की उम्र से कोई संबंध नहीं रह जाता।

                        जीवन में उत्साह बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि मनुष्य सकारात्मक चिंतन बनाए रखे और निराशा को हावी न होने दे।

कभी – कभी निरंतर मिलने वाली असफलताओं से व्यक्ति यह मान लेता है कि अब वह पहले की तरह कार्य नहीं कर सकता, लेकिन यह पूर्ण सच नहीं है.

"सकारात्मक सोच ही आदमी को "आदमी" बनाती है....

सकारात्मक सोच ही उसे अपनी मंजिल तक अवश्य ही पहुँचाती है...!"

Wednesday, 15 June 2016

जिंदगी का मजा

"सफर का मजा लेना हो तो साथ में सामान कम रखिए

और

जिंदगी का मजा लेना हैं तो दिल में अरमान कम रखिए !!

तज़ुर्बा है मेरा.... मिट्टी की पकड़ मजबुत होती है,

संगमरमर पर तो हमने .....पाँव फिसलते देखे हैं...!

जिंदगी को इतना सिरियस लेने की जरूरत नही यारों,

यहाँ से जिन्दा बचकर कोई नही जायेगा!

जिनके पास सिर्फ सिक्के थे वो मज़े से भीगते रहे बारिश में ....

जिनके जेब में नोट थे वो छत तलाशते रह गए...

पैसा इन्सान को ऊपर ले जा सकता है;
            
लेकिन इन्सान पैसा ऊपर नही ले जा सकता......

कमाई छोटी या बड़ी हो सकती है....

पर रोटी की साईज़ लगभग  सब घर में एक जैसी ही होती है।

  : शानदार बात

इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले,

और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले...
                   

कर्मो' से ही पहेचान होती है इंसानो की...

महेंगे 'कपडे' तो,'पुतले' भी पहनते है दुकानों में !!..

:
मुझे नही पता कि मैं एक बेहतरीन ग्रुप मेंबर हूँ या नही...
लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि
मैं जिस ग्रुप में हूँ उसके सारे मेंबर...
बहुत बेहतरीन हैं......

Sunday, 15 May 2016

Technology

Morning wife asked her husband to give the newspaper ....

Husband: How backward you are?

Technology has developed so much and you are still asking the newspaper ... ???
Take my iPad ....

Wife took the iPad and killed the Cockroach .... !!!

Husband faints ...

Moral: Whatever wife asks, give her without argument.

Show your smartness in your office only ....

How a Password Changed Life ..

How a Password Changed my Life ... A true story from the Reader’s Digest ...

I was having a great morning until I sat down in front of my office computer. “your password has expired”, a server message flashed on my screen, with instructions for changing it...In my company we have to change password monthly..

I was deeply depressed after my recent divorce. Disbelief over what she had done to me was what I thought all day.
I remembered a tip I’d heard from my former boss. He’d said, “I’m going to use a password that is going to change my life”. I couldn’t focus on getting things done in my current mood.. My password reminded me that I shouldn’t let myself be a victim of my recent breakup and that I was strong enough to do something about it.

I made my password –

Forgive@her. I had to type this password several times every day, each time my computer would lock. Each time I came back from lunch I wrote forgive her. The simple action changed the way I looked at my ex-wife. That constant reminder of reconciliation led me to accept the way things happened and helped me deal with my depression. By the time the server prompted me to change my password following month, I felt free.

The next time I had to change my password I thought about the next thing that I had to get done.

My password became Quit@smoking4ever.

It motivated me to follow my goal and I was able to quit smoking.

One month later, my password became Save4trip@europe,
and in three months I was able to visit Europe.

Reminders helped me materialize my goals kept me motivated and excited.

it's sometimes difficult to come up with your next goal, keeping at it brings great results.

After a few months my password was
lifeis#beauTful  !!!

Life is going to change again