Sunday 20 September 2020

A humorous poem : Only the English could have invented this language*

A humorous poem: Only the English could have invented this language

We'll begin with a box, and the plural is boxes,
But the plural of ox becomes oxen, not oxes.
One fowl is a goose, but two are called geese,
Yet the plural of moose should never be meese.
You may find a lone mouse or a nest full of mice,
Yet the plural of house is houses, not hice.
If the plural of man is always called men,
Then shouldn't the plural of pan be called pen?
If I speak of my foot and show you my feet,
And I give you a boot, would a pair be called beet?
If one is a tooth and a whole set are teeth,
Why shouldn't the plural of booth be called beeth?
Then one may be that, and three would be those,
Yet hat in the plural would never be hose,
And the plural of cat is cats, not cose.
We speak of a brother and also of brethren,
But though we say mother, we never say methren.
Then the masculine pronouns are he, his and him,
But imagine the feminine: she, shis and shim! Let's face it - English is a crazy language. 
And, in closing, if Father is Pop, how come Mother's not Mop? And if people from Poland are called Poles
Then people from Holland should be Holes
And the Germans, Germs.

Wednesday 14 September 2016

पापा देखो मेंहदी वाली

पापा देखो मेंहदी वाली
      ••••••••••••••••••

मुझे मेंहदी लगवानी है

"पाँच साल की बेटी बाज़ार में
बैठी मेंहदी वाली को देखते ही
मचल गयी...

"कैसे लगाती हो मेंहदी "
पापा नें सवाल किया...

"एक हाथ के पचास दो के सौ ...?
मेंहदी वाली ने जवाब दिया.

पापा को मालूम नहीं था मेंहदी
लगवाना इतना मँहगा हो गया है.

"नहीं भई एक हाथ के बीस लो
वरना हमें नहीं लगवानी."

यह सुनकर बेटी नें मुँह फुला लिया.

"अरे अब चलो भी ,
नहीं लगवानी इतनी मँहगी मेंहदी"

पापा के माथे पर लकीरें उभर आयीं .

"अरे लगवाने दो ना साहब..
अभी आपके घर में है तो
आपसे लाड़ भी कर सकती है...

कल को पराये घर चली गयी तो
पता नहीं ऐसे मचल पायेगी या नहीं.
तब आप भी तरसोगे बिटिया की
फरमाइश पूरी करने को...

मेंहदी वाली के शब्द थे तो चुभने
वाले पर उन्हें सुनकर पापा को
अपनी बड़ी बेटी की याद आ गयी..?

जिसकी शादी उसने तीन साल पहले
एक खाते -पीते पढ़े लिखे परिवार में की थी.

उन्होंने पहले साल से ही उसे छोटी
छोटी बातों पर सताना शुरू कर दिया था.

दो साल तक वह मुट्ठी भरभर के
रुपये उनके मुँह में ठूँसता रहा पर
उनका पेट बढ़ता ही चला गया

और अंत में एक दिन सीढियों से
गिर कर बेटी की मौत की खबर
ही मायके पहुँची.

आज वह छटपटाता है
कि उसकी वह बेटी फिर से
उसके पास लौट आये..?
और वह चुन चुन कर उसकी
सारी अधूरी इच्छाएँ पूरी कर दे...

पर वह अच्छी तरह जानता है
कि अब यह असंभव है.

"लगा दूँ बाबूजी...?,
एक हाथ में ही सही "

मेंहदी वाली की आवाज से
पापा की तंद्रा टूटी...

"हाँ हाँ लगा दो.
एक हाथ में नहीं दोनों हाथों में.

और हाँ, इससे भी अच्छी वाली हो
तो वो लगाना."

पापा ने डबडबायी आँखें
पोंछते हुए कहा
और बिटिया को आगे कर दिया.

जब तक बेटी हमारे घर है
उनकी हर इच्छा जरूर पूरी करे,
क्या पता आगे कोई इच्छा
पूरी हो पाये या ना हो पाये ।

ये बेटियां भी कितनी अजीब होती हैं
जब ससुराल में होती हैं
तब माइके जाने को तरसती हैं।

सोचती हैं
कि घर जाकर माँ को ये बताऊँगी
पापा से ये मांगूंगी
बहिन से ये कहूँगी
भाई को सबक सिखाऊंगी
और मौज मस्ती करुँगी।

लेकिन
जब सच में मायके जाती हैं तो
एकदम शांत हो जाती है
किसी से कुछ भी नहीं बोलती
बस माँ बाप भाई बहन से गले मिलती है।
बहुत बहुत खुश होती है।
भूल जाती है
कुछ पल के लिए पति ससुराल।

क्योंकि
एक अनोखा प्यार होता है मायके में
एक अजीब कशिश होती है मायके में।
ससुराल में कितना भी प्यार मिले
माँ बाप की एक मुस्कान को
तरसती है ये बेटियां।

ससुराल में कितना भी रोएँ
पर मायके में एक भी आंसूं नहीं
बहाती ये बेटियां

क्योंकि
बेटियों का सिर्फ एक ही आंसू माँ
बाप भाई बहन को हिला देता है
रुला देता है।

कितनी अजीब है ये बेटियां
कितनी नटखट है ये बेटियां
भगवान की अनमोल देंन हैं
ये बेटियां

हो सके तो
बेटियों को बहुत प्यार दें
उन्हें कभी भी न रुलाये
क्योंकि ये अनमोल बेटी दो
परिवार जोड़ती है
दो रिश्तों को साथ लाती है।
अपने प्यार और मुस्कान से।

हम चाहते हैं कि
सभी बेटियां खुश रहें
हमेशा भले ही हो वो
मायके में या ससुराल में।

●●●●●●●●
खुशकिस्मत है वो जो बेटी के बाप हैं, उन्हें भरपूर प्यार दे, दुलार करें और यही व्यवहार अपनी पत्नी के साथ भी करें क्यों की वो भी किसी की बेटी है और अपने पिता की छोड़ कर आपके साथ पूरी ज़िन्दगी बीताने आयी है।  उसके पिता की सारी उम्मीदें सिर्फ और सिर्फ आप से हैं।

अगर ये पोस्ट दिल को छु गया हो तो और लोगों के साथ शेयर करें। ये पोस्ट समर्पित है हर नारी को।

Friday 2 September 2016

राजकुमार

राजकुमार


पिता बेटी के सर पर
हाथ रख कर बोला-

मैं तेरे
लिए ऐसा पति
खोज
कर लाऊंगा जो तुझे बहुत
प्यार करे,

तेरी भवनाओं का सम्मान
करे,

तेरे दुख सुख को समझ सके,

तेरी आँखो में आँसू न आने दे,

तेरी हर छोटी छोटी

ख्वाइशों को पूरा कर सके।

बेटी ने पूछा : क्यो पापा?

पिता बोला : बेटा हर
बाप का सपना होता है
की
उसकी बेटी को राजकुमार
जैसा पति
मिले जो उसे बहुत प्यार दे

और

उसे हमेशा सुखी रखे।

बेटी :-तो पापा नाना
जी ने भी आपको
मम्मी का हाथ यही
सोचकर दिया
होगा न की आप भी
राजकुमार हो।

फिर आप मम्मी को हमेशा
क्यो रुलाते हो?,

कही बाहर भी नही ले
जाते

और प्यार भी नही करते

और

हमेशा चिल्लाते रहते हो
तो

क्या आप अच्छे वाले
राजकुमार नही निकले?

ये सुन पिता को एहसास
हुआ की
मुझे भी किसी ने
राजकुमार
समझ कर अपने कलेजे
का टुकड़ा दिया और मैं खुद
तो

राजकुमार बना रहा पर
अपनी
पत्नी को कभी
राजकुमारी नही समझा।

आज खुद बाप बंनने के बाद
एह्सास हुआ की अपने दिल
के टुकड़े को सही हाथ मे
नही सौपा

तो उसके दिल के टुकड़े हो
जायेगे जो कोई भी बाप
नही सहेगा।

इसलिए जैसा आप अपनी
बेटी
के लिए सोचते है वैसा ही
अपनी
पत्नी के लिए सोचिये।

आखिर वो भी किसी की
बेटी है,

किसी का आँख का तारा
है।

उसे दुख होगा तो उसके
पिता को
भी दुख होगा।

कृप्या कर अपनी घर की
औरतों को भी इज़्ज़त और
प्यार दिजिए वो
भी किसी की बेटी है।

प्रार्थना सभा के लिए प्रेरक प्रसंग

प्रार्थना सभा के लिए प्रेरक प्रसंग

जंगल में एक कौआ रहता था जो अपने जीवन से पूर्णतया संतुष्ट था.
लेकिन एक दिन उसने बत्तख देखी और सोचा : -
“यह बत्तख कितनी सफ़ेद है और मैं कितना काला हूँ. यह बत्तख तो संसार की सबसे ज़्यादा खुश पक्षी होगी....!”

उसने अपने विचार बत्तख को बतलाए.
बत्तख ने उत्तर दिया : - “दरअसल मुझे भी ऐसा ही लगता था कि मैं सबसे अधिक खुश पक्षी हूँ जब तक मैंने दो रंगों वाले तोते को नहीं देखा था. अब मेरा ऐसा मानना है कि तोता सृष्टि का सबसे अधिक खुश पक्षी है...!”
फिर कौआ तोते के पास गया.
तोते ने उसे समझाया : -
“मोर को मिलने से पहले तक मैं भी एक अत्यधिक खुशहाल ज़िन्दगी जीता था. परन्तु मोर को देखने के बाद मैंने जाना कि मुझमें तो केवल दो रंग हैं जबकि मोर में विविध रंग हैं...!”
तोते को मिलने के बाद
वह कौआ चिड़ियाघर में मोर से मिलने गया.
वहाँ उसने देखा कि उस मोर को देखने के लिए हज़ारों लोग एकत्रित थे.
सब लोगों के चले जाने के बाद
कौआ मोर के पास गया और बोला : -
“प्रिय मोर...!
तुम तो बहुत ही खूबसूरत हो.
तुम्हें देखने प्रतिदिन हज़ारों लोग आते हैं. पर जब लोग मुझे देखते हैं तो तुरन्त ही मुझे भगा देते हैं. मेरे अनुमान से तुम भूमण्डल के सबसे अधिक खुश पक्षी हो...!”
मोर ने जवाब दिया : -
“मैं हमेशा सोचता था
कि मैं भूमण्डल का सबसे खूबसूरत और खुश पक्षी हूँ.
परन्तु मेरी इस सुन्दरता के कारण ही मैं इस चिड़ियाघर में फँसा हुआ हूँ.
मैंने चिड़ियाघर का बहुत ध्यान से निरीक्षण किया है और तब मुझे यह अहसास हुआ कि इस पिंजरे में केवल कौए को ही नहीं रखा गया है.

इसलिए पिछले कुछ दिनों से मैं इस सोच में हूँ कि अगर मैं कौआ होता तो मैं भी खुशी से हर जगह घूम सकता था...!”
ये कहानी
इस संसार में हमारी परेशानियों का सार प्रस्तुत करती है.कौआ सोचता है
कि बत्तख खुश है, बत्तख को लगता है कि तोता खुश है, तोता सोचता है कि मोर खुश है जबकि मोर को लगता है कि कौआ सबसे खुश है.
*कथासार* : -
*दूसरों से तुलना हमें सदा दुखी करती है.*
दूसरों के लिए खुश होना चाहिए, तभी हमें भी खुशी मिलेगी.
*हमारे पास जो है उसके लिए हमें सदा आभारी रहना चाहिए.*
खुशी हमारे मन में होती है.हमें जो दिया गया है उसका हमें सर्वोत्तम उपयोग करना चाहिए
*हम दूसरों के जीवन का अनुमान नहीं लगा सकते. हमें सदा कृतज्ञ रहना चाहिए*.
जब हम जीवन के इस तथ्य को समझ लेंगें तो सदा प्रसन्न रहेंगें l

Tuesday 30 August 2016

chatting in Office

2 Wives chatting in Office :

*Wife 1*:- I had a Fine evening, how was Urs???

*Wife 2* :- It was a disaster. My husband came home, ate his dinner in 3 mins & fell asleep in 2 mins. How was yours?

*Wife 1* : Oh mine was amazing ! My husband came home and took me out for a Romantic Dinner. After dinner we walked for an hour.
When we came home he lit the candles around the house. It was like a Fairy Tale !
---
At the same time, their Husbands are talking at work..

*Husband 1*: How was your evening?

*Husband 2*: Great. I came home, dinner was on the table, I ate & fell asleep. What about you ?

*Husband 1*: It was horrible. I came home, there's no dinner, they cut the electricity because I forgot to pay the bill; so I took her out for dinner which was so expensive that didn't have money left for a cab or auto.We walked home which took an hour & when we got home I remembered there was no electricity so I had to light candles all over the house !!!!!!
--
*MORAL*: _PRESENTATION DOES MATTER...
NO MATTER WHAT THE REALITY IS_ !!!

Chanakya writes-
"If you want to be
Happy with your husband,
Love him Less &
Understand him more !

If you want to be
Happy with your wife,
Love her More &
NEVER try to Understand her !"

*Dedicated to all Married Couple*

तकदीर

   CUTE    LINES                                

             तकदीर :

एक   हसीन   लडकी
राजा  के  दरबार   में
डांस   कर  रही   थी...

( राजा   बहुत   बदसुरत   था )

लडकी   ने   राजा   से   एक
सवाल   की  इजाजत  मांगी
.
राजा   ने  कहा ,
                     ' चलो  पुछो .'
.
लडकी   ने   कहा ,
   'जब    हुस्न   बंट   रहा   था
      तब   आप   कहां  थे..??
.
राजा   ने   गुस्सा   नही  किया
बल्कि
मुस्कुराते   हुवे   कहा
  ~  जब   तुम   हुस्न   की
       लाइन्   में   खडी
       हुस्न    ले   रही   थी , ~
.
~    तो   में
  किस्मत  की   लाइन  में  खडा
             किस्मत  ले  रहा  था
.
          और   आज 
     तुझ  जैसीे   हुस्न   वालीयां
      मेरी  गुलाम   की   तरह
       नाच   रही   है...........
.
इसलीय  शायर  खुब  कहते  है,
.
    " हुस्न   ना   मांग
      नसीब   मांग   ए   दोस्त ,

       हुस्न   वाले   तो
      अक्सर   नसीब   वालों  के
      गुलाम   हुआ   करते   है...

      " जो   भाग्य   में   है ,
        वह   भाग   कर  आएगा,
    
         जो   नहीं   है ,
         वह   आकर   भी
         भाग   जाएगा....!!!!!."

यहाँ   सब   कुछ   बिकता   है ,
दोस्तों  रहना  जरा  संभाल  के,

बेचने  वाले  हवा भी बेच देते है,
      गुब्बारों   में   डाल   के,

        सच   बिकता   है ,
        झूट   बिकता   है,
       बिकती   है   हर   कहानी,

       तीनों  लोक  में  फेला  है ,
       फिर   भी   बिकता   है
       बोतल  में  पानी ,

कभी फूलों की तरह मत जीना,
जिस   दिन  खिलोगे ,
टूट  कर  बिखर्र  जाओगे ,
जीना  है  तो
पत्थर   की   तरह   जियो ;
जिस   दिन   तराशे   गए ,
" भगवान " बन  जाओगे...!!!!

सुनहरे कलर का पेकेट

"प्रेरक कथा"

एक मित्र नेअपनी बीवी की अलमारी खोली और एक सुनहरे कलर का पेकेट निकाला,

उसने कहा कि
"ये कोई साधारण पैकेट नहीं है..!"

उसने पैकेट खोला
और उसमें रखी बेहद खूबसूरत सिल्क की साड़ी और उसके साथ की ज्वेलरी को एकटक देखने लगा।

ये हमने लिया था 8-9 साल पहले, जब हम पहली बार न्युयार्क गए थे,
परन्तु उसने ये कभी पहनी नहीं क्योंकि वह इसे किसी खास मौके पर पहनना चाहती थी,
और इसलिए इसे बचा कर रखा था।

उसने उस पैकेट को भी दूसरे और कपड़ों के साथ अपनी बीवी की अर्थी के पास रख दिया,
उसकी बीवी की मृत्यु अभी अचानक ही हुई थी।

उसने रोते हुए मेरी और देखा और कहा-
किसी भी खास मौके के लिए कभी भी कुछ भी मत बचा के रखना,
जिंदगी का हर एक दिन खास मौका है,
कल का कुछ भरोसा नहीं है।

मुझे लगता है,
उसकी उन बातों ने मेरी जिंदगी बदल दी।

मित्रों अब मैं किसी बात की ज्यादा चिंता नहीं करता,

अब मैं अपने परिवार के साथ ज्यादा समय बिताता हूँ,
और काम का कम टेंशन लेता हूँ।

मुझे अब समझ में आ चुका है कि जिंदगी जिंदादिली से जीने का नाम है,
डर-डर के,
रूक-रूक के बहुत ज्यादा विचार करके चलने में समय आगे निकल जाता है,
और हम पिछड़ जाते हैं।

अब मैं कुछ भी बहुत बहुत संभाल-संभाल के नहीं रखता, हर एक चीज़ का बिंदास और भरपूर उपयोग जी भर के करता हूँ।

अब मैं घर के शोकेस में रखी महँगी क्रॉकरी का हर दिन उपयोग करता हूँ..

अगर मुझे पास के सुपर मार्केट में या नज़दीकी माॅल में मूवी देखने नए कपड़े पहन के जाने का मन है,
तो मैं जाता हूँ।

अपने कीमती खास परफ्यूम को विशेष मौकों के लिए संभाल कर बचा के नहीं रखता,
मैं उन्हें जब मर्जी आए तब उपयोग करता हूँ,

'एक दिन'
'किसी दिन'
'कोई ख़ास मौका' जैसे शब्द अब मेरी डिक्शनरी से गुम होते जा रहे हैं..।

अगर कुछ देखने,
सुनने या करने लायक है,
तो मुझे उसे अभी देखना सुनना या करना होता है।

मुझे नहीं पता मेरे दोस्त की बीवी क्या करती,
अगर उसे पता होता कि वह अगली सुबह नहीं देख पाएगी,

शायद वह अपने नज़दीकी रिश्तेदारों और खास दोस्तों को बुलाती।
शायद वह अपने पुराने रूठे हुए दोस्तों से दोस्ती और शांति की बातें करती।

अगर मुझे पता चले
कि मेरा अंतिम समय आ गया है तो क्या मैं,
इन इतनी छोटी-छोटी चीजों को भी नहीं कर पाने के लिए अफसोस करूँगा।

नहीं..

इन सब इच्छाओं को तो
आज ही आराम से पूरा कर सकता हूँ..!

हर दिन,
हर घंटा,
हर मिनट,
हर पल विशेष है,
खास है...बहुत खास है।

प्यारें दोस्तों..!
जिंदगी का लुत्फ उठाइए,
आज में जिंदगी बसर कीजिये।

क्या पता कल हो न हो,
वैसे भी कहते हैं न कल तो कभी आता ही नहीं।

अगर आपको ये मेसेज मिला है,
इसका मतलब है,
कि कोई आपकी परवाह करता है,
केयर करता है,

क्योंकि शायद आप भी किसी की परवाह करते हैं,
ध्यान रखते हैं।

अगर आप
अभी बहुत व्यस्त हैं,
और,
इसे किसी "अपने" को बाद में या,
किसी और दिन भेज देंगे..

तो याद रखिये
कोई और दिन बहुत दूर है,
और शायद कभी आए भी नहीं..।

इसलिये
ज़िन्दगी के हर पल को
जियें जी भर के..॥