Friday 29 July 2016

पहचान नहीं पाया

ωσмєη ωιll вє ωσмєη...

एक 54 साल की वृद्धा को हृदयाघात हुआ और उनको अस्पताल ले जाया गया।

ऑपरेशन थिएटर में उनको लगभग लगभग मृत्युआ गयी।

भगवान को देख कर उसने पुछा कि क्या मेरा वक़्त पूरा हो गया?

भगवन ने कहा क़ि नहीं अभी तुम्हारे पास 34 साल और है जीने के लिए।

जब औरत ठीक हो गयी तो उसने उसी हॉस्पिटलल में फेस लिफ्ट सर्जरी करायी। अपनी चर्बी निकलवाई और चमडी कसाईं। उसने अपने बाल भी रंगवा लिए। फिर उसको हस्पताल से छुट्टी मिल गयी।

घर आते समय, सड़क पार करते हुये वो ट्रक के नीचे आ गयी और उसका देहांत हो गया।

जब वो भगवान् के सामने पहुची तो उन्होंने पुछा कि भगवान् आपने तो कहा था कि अभी मैं 34 साल जीऊँगी तो आपने मुझे बचाया क्यों नहीं।

भगवान् ने जवाब दिया
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मैं तुम्हे पहचान नहीं पाया।

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और करो मेकअप।

Monday 25 July 2016

शिक्षकों से सावधान

मास्टर साहब
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वो एक्सप्रेस ट्रेन करीब-करीब खाली ही थी।
मास्टर साहब जिस एसी-3 कोच में बैठे थे, उसमें बहुत कम यात्री थे।
उनके वाले पोर्शन में भी उनके अलावा दूसरा कोई यात्री नहीं था।
तभी एक महिला कोच में उनके वाले पोर्शन में आई और मास्टर साहब से बोली- "मिस्टर, तुम्हारे पास जो भी मालपानी, रुपया, पैसा, सोना, घड़ी, मोबाइल है, सब मुझे सौंप दो। नहीं तो मैं चिल्लाऊँगी कि तुमने मेरे साथ छेड़छाड़ की है।"
मास्टर साहब ने शांति से अपने ब्रीफकेस में से एक कागज निकाला और उस पर लिखा- "मैं मूक-बधिर हूँ। न बोल सकता हूँ और न ही सुन सकता हूँ। तुम्हें जो कुछ कहना है, इस कागज पर लिख दो।"
महिला ने उनसे जो कहा था, वह उस कागज पर लिखकर दे दिया।
मास्टर साहब ने उस कागज को मोड़कर हिफाजत से अपनी जेब में रखा और बोले- "हाँ, अब चिल्लाओ कि मैंने तुम्हारे साथ छेड़छाड़ की है। अब मेरे पास तुम्हारा लिखित बयान है।"
यह सुनते ही महिला वहाँ से यूँ भागी जैसे उसने भूत देख लिया हो !!!!
*(शिक्षकों से सावधान)*

Thursday 7 July 2016

Review hindi movie/ film sultan

फ़िल्म " सुलतान" - एक जलवा सुलतान सलमान का।


फ़िल्म समीक्षा करने से पहले यह कहना पड़ेगा की सलमान और " ईद " हर जगह रौनक लेकर आते है। " ईद मुबारक" सबको और बधाईया " टीम सुलतान " को। फ़िल्म हिट होनी है और होकर रहेगी ,बस मसला है कि क्या " प्रेम रतन धन पायो" के कलेक्शन को क्रॉस करेगी या नहीं? 

फ़िल्म सलमान की छवि को भुनाने के लिए भारतीय बेसिक्स यानी कुश्ती, पतंग लूटने , गधे पर बैठने , धोबी पछाड़ और जीतने पर भी हाथ जोड़ने जेसे एलिमेंट को लेकर बनाई गई हैं।

फ़िल्म की शुरुआत बड़ी संजीदा हैं। यशराज फिल्म्स  हिट फिल्म्स देने में मास्टर्स है और उनकी ताक़त म्यूज़िक है। फ़िल्म की शुरुआत के गाने से ही फ़िल्म को हरियाणा पंजाब का बाना पहना दिया और फ़िल्म को दर्शनीय भी बनाया हैं। फ़िल्म के गाने "बेबी को बेस पसन्द है " हिट होना ही होना हैं। गाना " दिल मेरा "  में संगीत के सुर  ठीक है जनता इसको लाइक करेगी। गाना  "जग्ग घुमाया थारे जैसा ना कोई " लम्बा चलेगा। 

फ़िल्म की कहानी पुरानी है, बहुत मर्तबा आजमाई हुई है। कथानक चुस्त और फिल्मांकन शानदार है। फ़िल्म एक सीधे साधे युवा की है जो प्रेम में पड़कर पहलवान और जिंदगी से टकराकर एक इंसान बनता है। 

सलमान ने बहुत सुंदरता से हरियाणवी डाइलेक्ट को अपनाया हैं। आप बस यह मान ले की सुपर स्टार सलमान ने इस फ़िल्म के लिए बहुत कठोर मेहतन की है। सलमान को फ़िल्म की सफलता का पूरा क्रेडिट है। अनुष्का शानदार है, वो अभिनय को जिंदगी मानती है और फ़िल्म में अपने सामान्य किरदार को विशेष बनाना उनको आता है। रणदीप हुड्डा ने अपनी चमक बिखेरी है। 

आइये। फ़िल्म के काफी संवाद देखे।

1. के ताऊ, तेरी डिस्क पुराणी पण चैनल टन्नै।

2. जो काम बढ़िया लागे ना उसको करने में टेम नहीं लगाना।

3. जाने तुझ जेसे लड़को को क्या बोले। सिटीगाय।

4. अपनी बेबी को तो बेस पसन्द हैं।

5. उसको ऑडियो को तेज वोल्यूम पसन्द हैं।

6. लागे नहीं है भाई, ये तो गाली ही हैं।

7. इसकी खातिर अब सुलतान पहलवान बनेगा।

8. जानना क्या है? सामने वाले को पकड़ना है और निचे पटकना हैं।

9. उस्तादजी, मैं शाहरुख़ खान की बड़ी इज़्ज़त करू।

10. तन्ने देख के आज पक्का यकीन हो गया कि इंसान बांदर से ही पैदा हुआ हैं।

11 बेटी को जलाओगे तो बहु कहाँ से लाओगे।

12. तू बाहर से मोर्डेन, अंदर से देसी, टच हो गया में।

13. जानता है किससे होता है प्यार? जिसकी तुम इज़्ज़त कर सको।

14. किसान और पहलवान में एक ही चीज कॉमन होवे और वो है माटी।

15. तुम से तब कोई जीतेगा जब तुम भीतर से हार जाओ।

16. ये लड़ाई है दुनिया को अपनी औकात बताने की।

17. आज सुलतान " सुलतान तेरी वजह से तो बना हैं।

18. अरे। लुगाई बेहोश हो गई और डॉक्टर ने खाने है लड्डू।

19. आज से पहले सुलतान भी तो नहीं था।

20. मैने तुझे इज़्ज़त कमाने को कहा था तू गरूर कमा लाया।

21. इसी जद्दोजहद मे है कि खुद को माफ़ कर सके।

22. ऐसी जगह लड़ो ना जहा लड़ने का कोई फायदा है।

23. ऊपर अल्लाह नीचे धरती बीच में तेरा जनून।

24. असली पहलवान की पहचान अखाड़े में नहीं जिंदगी में होवे।

25. आज के बाद ना मिले तो कहा सुना माफ़।

26. ऐ पहलवान। सुलतान। कर दे चढ़ाई।

27. इसमें जुडो, कराटे, लात, बॉक्सिंग और रापट सब चलता हैं।

28. तुझे इसमें एक थका हारा आदमी नज़र आएगा

29. मन्ने पहलवानी जरूर छोड़ी पर लड़ना नहीं चोद।

30. रेसलर है ना तू, तेरी जान तेरे पेरो में हैं।

31. हीरो वो होता है जो हारता है क्योकि वोही जानता है कि जीत की वेल्यु क्या हैं।

32. हिंदुस्तान मिट्टी का देश है, मिट्टी में हाथ डाला तो सुलतान निकला।

33. हमारे यहाँ डाइवोर्स नहीं लड़ाई होती है।

34. आप मीडिया वाले हो पहले आप ही ने गिराया, चाहे तो वापस उठा लो।

35. गलती तो खुद खुदा भी माफ़ करता हैं।

36. ये सुलतान का दाव है, वो फाइटर अब नहीं उठेगा।

37. जब तेरे साथ आया था तो लगता था कि one losses is backing another.

38. मेडम हमारे यहाँ इश्क़ की एक्सपाइरी डेट नहीं होती।

39. सर्दियो में गालो की लाली जैसी हो तुम।

40. जिंदगी में इज़्ज़त पाने के लिए बहुत बार बेज्जती उठानी पड़ती ह्रीं।

अब लाख टके का सवाल, फ़िल्म कैसी है? जवाब है कि शानदार है। आप सिनेमा हाल में जाइए और आनंद लीजिये।


 

Saturday 2 July 2016

तुलसी कौन थी?

*तुलसी कौन थी?*

तुलसी एक लड़की थी जिसका नाम
वृंदा था राक्षस कुल में उसका जन्म हुआ था बचपन से ही भगवान विष्णु
जी की भक्त थी.बड़े ही प्रेम से भगवान की सेवा,पूजा किया करती थी.जब वह बड़ी हुई तो उनका विवाह राक्षसकुल में दानव राज जलंधर से हो गया। जलंधर समुद्र से उत्पन्न हुआ
था.
वृंदा बड़ी ही पतिव्रता स्त्री थी सदा अपने पति की सेवा किया करती थी.
एक बार देवताओ और दानवों में युद्ध हुआ जब जलंधर युद्ध पर जाने लगे तो वृंदा ने कहा -
स्वामी आप युद्ध पर जा रहे है आप
जब तक युद्ध में रहेगे में पूजा में बैठकर आपकी जीत के लिये
अनुष्ठान करुगी,और जब तक आप
वापस नहीं आ जाते में अपना संकल्प
नही छोडूगी। जलंधर तो युद्ध में चले गये,और वृंदा व्रत का संकल्प लेकर
पूजा में बैठ गयी,उनके व्रत के प्रभाव
से देवता भी जलंधर को ना जीत सके सारे देवता जब हारने लगे तो भगवान विष्णु जी के पास गये।

सबने भगवान से प्रार्थना की तो भगवान कहने लगे कि – वृंदा मेरी परम भक्त है में उसके साथ छल नहीं कर सकता ।
फिर देवता बोले - भगवान दूसरा कोई उपाय भी तो नहीं है अब आप
ही हमारी मदद कर सकते है।

भगवान ने जलंधर का ही रूप रखा और वृंदा के महल में पँहुच गये जैसे
ही वृंदा ने अपने पति को देखा, वे तुरंत पूजा मे से उठ गई और उनके चरणों को छू लिए,जैसे ही उनका संकल्प टूटा,युद्ध में देवताओ ने जलंधर को मार दिया और उसका सिर काटकर अलग कर दिया,उनका सिर वृंदा के महल में गिरा जब वृंदा ने
देखा कि मेरे पति का सिर तो कटा पडा है तो फिर ये जो मेरे सामने खड़े है ये कौन है?

उन्होंने पूँछा - आप कौन हो जिसका स्पर्श मैने किया, तब भगवान अपने रूप में आ गये पर वे कुछ ना बोल सके,वृंदा सारी बात समझ गई, उन्होंने भगवान को श्राप दे दिया आप पत्थर के हो जाओ,भगवान तुंरत पत्थर के हो गये।

सभी देवता हाहाकार करने लगे
लक्ष्मी जी रोने लगे और
प्रार्थना करने लगे यब वृंदा जी ने भगवान को वापस वैसा ही कर दिया और अपने पति का सिर लेकर वे
सती हो गयी।

उनकी राख से एक पौधा निकला तब
भगवान विष्णु जी ने कहा –आज से
इनका नाम तुलसी है,और मेरा एक रूप इस पत्थर के रूप में रहेगा जिसे शालिग्राम के नाम से तुलसी जी के साथ ही पूजा जायेगा और में
बिना तुलसी जी के भोग
स्वीकार नहीं करुगा। तब से
तुलसी जी कि पूजा सभी करने
लगे। और तुलसी जी का विवाह
शालिग्राम जी के साथ कार्तिक मास में
किया जाता है.देव-उठावनी एकादशी के दिन इसे तुलसी विवाह के रूप में
मनाया जाता है !