Tuesday, 30 August 2016

सुनहरे कलर का पेकेट

"प्रेरक कथा"

एक मित्र नेअपनी बीवी की अलमारी खोली और एक सुनहरे कलर का पेकेट निकाला,

उसने कहा कि
"ये कोई साधारण पैकेट नहीं है..!"

उसने पैकेट खोला
और उसमें रखी बेहद खूबसूरत सिल्क की साड़ी और उसके साथ की ज्वेलरी को एकटक देखने लगा।

ये हमने लिया था 8-9 साल पहले, जब हम पहली बार न्युयार्क गए थे,
परन्तु उसने ये कभी पहनी नहीं क्योंकि वह इसे किसी खास मौके पर पहनना चाहती थी,
और इसलिए इसे बचा कर रखा था।

उसने उस पैकेट को भी दूसरे और कपड़ों के साथ अपनी बीवी की अर्थी के पास रख दिया,
उसकी बीवी की मृत्यु अभी अचानक ही हुई थी।

उसने रोते हुए मेरी और देखा और कहा-
किसी भी खास मौके के लिए कभी भी कुछ भी मत बचा के रखना,
जिंदगी का हर एक दिन खास मौका है,
कल का कुछ भरोसा नहीं है।

मुझे लगता है,
उसकी उन बातों ने मेरी जिंदगी बदल दी।

मित्रों अब मैं किसी बात की ज्यादा चिंता नहीं करता,

अब मैं अपने परिवार के साथ ज्यादा समय बिताता हूँ,
और काम का कम टेंशन लेता हूँ।

मुझे अब समझ में आ चुका है कि जिंदगी जिंदादिली से जीने का नाम है,
डर-डर के,
रूक-रूक के बहुत ज्यादा विचार करके चलने में समय आगे निकल जाता है,
और हम पिछड़ जाते हैं।

अब मैं कुछ भी बहुत बहुत संभाल-संभाल के नहीं रखता, हर एक चीज़ का बिंदास और भरपूर उपयोग जी भर के करता हूँ।

अब मैं घर के शोकेस में रखी महँगी क्रॉकरी का हर दिन उपयोग करता हूँ..

अगर मुझे पास के सुपर मार्केट में या नज़दीकी माॅल में मूवी देखने नए कपड़े पहन के जाने का मन है,
तो मैं जाता हूँ।

अपने कीमती खास परफ्यूम को विशेष मौकों के लिए संभाल कर बचा के नहीं रखता,
मैं उन्हें जब मर्जी आए तब उपयोग करता हूँ,

'एक दिन'
'किसी दिन'
'कोई ख़ास मौका' जैसे शब्द अब मेरी डिक्शनरी से गुम होते जा रहे हैं..।

अगर कुछ देखने,
सुनने या करने लायक है,
तो मुझे उसे अभी देखना सुनना या करना होता है।

मुझे नहीं पता मेरे दोस्त की बीवी क्या करती,
अगर उसे पता होता कि वह अगली सुबह नहीं देख पाएगी,

शायद वह अपने नज़दीकी रिश्तेदारों और खास दोस्तों को बुलाती।
शायद वह अपने पुराने रूठे हुए दोस्तों से दोस्ती और शांति की बातें करती।

अगर मुझे पता चले
कि मेरा अंतिम समय आ गया है तो क्या मैं,
इन इतनी छोटी-छोटी चीजों को भी नहीं कर पाने के लिए अफसोस करूँगा।

नहीं..

इन सब इच्छाओं को तो
आज ही आराम से पूरा कर सकता हूँ..!

हर दिन,
हर घंटा,
हर मिनट,
हर पल विशेष है,
खास है...बहुत खास है।

प्यारें दोस्तों..!
जिंदगी का लुत्फ उठाइए,
आज में जिंदगी बसर कीजिये।

क्या पता कल हो न हो,
वैसे भी कहते हैं न कल तो कभी आता ही नहीं।

अगर आपको ये मेसेज मिला है,
इसका मतलब है,
कि कोई आपकी परवाह करता है,
केयर करता है,

क्योंकि शायद आप भी किसी की परवाह करते हैं,
ध्यान रखते हैं।

अगर आप
अभी बहुत व्यस्त हैं,
और,
इसे किसी "अपने" को बाद में या,
किसी और दिन भेज देंगे..

तो याद रखिये
कोई और दिन बहुत दूर है,
और शायद कभी आए भी नहीं..।

इसलिये
ज़िन्दगी के हर पल को
जियें जी भर के..॥

Sunday, 28 August 2016

WELCOME TO THE 21ST CENTURY

_*WELCOME TO THE 21ST CENTURY!*_

*Our Phones Wireless*
*Cooking -       Fireless*
*Cars -             Keyless*
*Food -             Fatless*
*Tyres -           Tubeless*
*Tools -            Cordless*
*Dress -        Sleeveless*
*Youth -         Jobless*
*Leaders -  Shameless*
*Relationships-Meaningless*
*Attitude -         Careless*
*Wives -            Fearless*
*Babies -         Fatherless*
*Feelings -        Heartless*
*Education -     Valueless*
*Children -    Mannerless*
*PARLIAMENT-CLUELESS*
*MASSES -  HELPLESS*

_*Everything is becoming LESS but still our hope in God is - Endless.*_

In fact I am *Speechless* Because Salvation remains *Priceless!!*

*If u don't share this, I'm wordless!*

Thursday, 25 August 2016

JANMASHTAMI

JANMASHTAMI

Janmashtami celebrates the birth of Lord Krishna. Ashtami is significant as it indicates a perfect balance between the seen and the unseen aspects of reality; the visible material world and the invisible spiritual realm.

Krishna’s birth on Ashtami signifies his mastery of both the spiritual and material worlds. He is a great teacher and a spiritual inspiration as well as the consummate politician. On one hand, he is Yogeshwara (the Lord of Yogas — the state to which every yogi aspires) while on the other, he is a mischievous thief.

The unique quality of Krishna is that he is at once more pious than the saints and yet a thorough mischief-monger! His behaviour is a perfect balance of the extremes — perhaps this is why the personality of Krishna is so difficult to fathom. The avdhoot is oblivious to the world outside and a materialistic person, a politician or a king is oblivious to the spiritual world. But Krishna is both Dwarkadheesh and Yogeshwar.

Krishna’s teachings are most relevant to our times in the sense that they neither let you get lost in material pursuits nor make you completely withdrawn. They rekindle your life, from being a burnt-out and stressed personality to a more centred and dynamic one. Krishna teaches us devotion with skill. To celebrate Gokulashtami is to imbibe extremely opposite yet compatible qualities and manifest them in your own life.

Hence the most authentic way of celebrating Janamashtami is knowing that you have to play a dual role — of being a responsible human being on the planet and at the same time to realize that you are above all events, the untouched Brahman. Imbibing a bit of avadhoot and a bit of activism in your life is the real significance of celebrating Janmashtami.

Tuesday, 23 August 2016

चाणक्य के 15 अमर वाक्य |

चाणक्य के 15 अमर वाक्य |

1)दुनिया की सबसे बड़ी ताकत पुरुष का विवेक
और महिला की सुन्दरता है।
2)हर मित्रता के पीछे कोई स्वार्थ जरूर होता है, यह
कड़वा सच है।
3)अपने बच्चों को पहले पांच साल तक खूब प्यार करो।
छः साल से पंद्रह साल तक कठोर अनुशासन और संस्कार
दो।
सोलह साल से उनके साथ मित्रवत व्यवहार करो।
आपकी संतति ही आपकी सबसे अच्छी मित्र है।"
4)दूसरों की गलतियों से सीखो
अपने ही ऊपर प्रयोग करके सीखने को तुम्हारी आयु कम
पड़ेगी।
5)किसी भी व्यक्ति को बहुत ईमानदार नहीं होना
चाहिए।
सीधे वृक्ष और व्यक्ति पहले काटे जाते हैं।
6)अगर कोई सर्प जहरीला नहीं है
तब भी उसे जहरीला दिखना चाहिए वैसे दंश भले ही न
हो
पर दंश दे सकने की क्षमता का दूसरों को अहसास
करवाते रहना चाहिए।
7)कोई भी काम शुरू करने के पहले तीन सवाल अपने आपसे
पूछो...
मैं ऐसा क्यों करने जा रहा हूँ ?
इसका क्या परिणाम होगा ?
क्या मैं सफल रहूँगा?
8)भय को नजदीक न आने दो अगर यह नजदीक आये
इस पर हमला कर दो यानी भय से भागो मत
इसका सामना करो।
9)काम का निष्पादन करो, परिणाम से मत डरो।
10)सुगंध का प्रसार हवा के रुख का मोहताज़ होता है
पर अच्छाई सभी दिशाओं में फैलती है।"
11)ईश्वर चित्र में नहीं चरित्र में बसता है
अपनी आत्मा को मंदिर बनाओ।
12)व्यक्ति अपने आचरण से महान होता है
जन्म से नहीं।
13)ऐसे व्यक्ति जो आपके स्तर से ऊपर या नीचे के हैं
उन्हें दोस्त न बनाओ,
वह तुम्हारे कष्ट का कारण बनेगे।
समान स्तर के मित्र ही सुखदायक होते हैं।
14)अज्ञानी के लिए किताबें और
अंधे के लिए दर्पण एक समान उपयोगी है।
15)शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है।
शिक्षित व्यक्ति सदैव सम्मान पाता है।
शिक्षा की शक्ति के आगे युवा शक्ति और सौंदर्य
दोनों ही कमजोर है
राजा भोज ने कवि कालीदास से दस सर्वश्रेष्ट सवाल किए
1- दुनिया में भगवान की सर्वश्रेष्ठ रचना क्या है?
उत्तर- ''मां''
2- सर्वश्रेष्ठ फूल कौन सा है?
उत्तर- "कपास का फूल"
3- सर्वश्र॓ष्ठ सुगंध कौनसी है
उत्तर- वर्षा से भीगी मिट्टी की सुगंध ।
4-सर्वश्र॓ष्ठ मिठास कौनसी
- "वाणी की"
5- सर्वश्रेष्ठ दूध-
"मां का"
6- सबसे से काला क्या है
"कलंक"
7- सबसे भारी क्या है
"पाप"
8- सबसे सस्ता क्या है
"सलाह"
9- सबसे महंगा क्या है
"सहयोग"
10-सबसे कडवा क्या है
ऊत्तर- "सत्य".
वो डांट कर अपने बच्चो को अकेले मे रोती है,
.
वो माँ है, और माँ एसी ही
होती है ।
जितना बडा प्लाट होता है, उतना बडा बंगला नही होता !! जितना बडा बंगला होता है,उतना बडा दरवाजा नही होता !! जितना बडा दरवाजा होता है ,उतना बडा ताला नही होता !!
जितना बडा ताला होता है , उतनी बडी चाबी नही होती !! परन्तु चाबी पर पुरे बंगले का आधार होता है।
इसी तरह मानव के जीवन मे बंधन और मुक्ति का आधार मन की चाबी पर ही निर्भर होता है।
है मानव....तू सबकुछ कर पर किसी को परेशान मत कर,जो बात समझ न आऐ उस बात मे मत पड़ !
पैसे के अभाव मे जगत 1% दूखी है,समझ के अभाव मे जगत 99% दूखी है !!!

आज का श्रेष्ठ विचार:-
यदि आप धर्म करोगे तो भगवान से आपको माँगना पड़ेगा...,
लेकिन यदि आप कर्म करोगे तो भगवान को देना पड़ेगा..!
किरपा करके पढने के बाद अपने दोस्तों को जरुर भेजे

RELAX...

RELAX...

You relax in an aeroplane though you do not know the pilot,
You relax in a ship though you do not know the captain,
You relax in the train without knowing the motorman,
You relax in the bus not knowing the driver,
why don't you relax in your life while you know that God is its controller?
Trust your lord. He is the best planner

चाणक्य के 15 अमर वाक्य |

चाणक्य के 15 अमर वाक्य |

1)दुनिया की सबसे बड़ी ताकत पुरुष का विवेक
और महिला की सुन्दरता है।
2)हर मित्रता के पीछे कोई स्वार्थ जरूर होता है, यह
कड़वा सच है।
3)अपने बच्चों को पहले पांच साल तक खूब प्यार करो।
छः साल से पंद्रह साल तक कठोर अनुशासन और संस्कार
दो।
सोलह साल से उनके साथ मित्रवत व्यवहार करो।
आपकी संतति ही आपकी सबसे अच्छी मित्र है।"
4)दूसरों की गलतियों से सीखो
अपने ही ऊपर प्रयोग करके सीखने को तुम्हारी आयु कम
पड़ेगी।
5)किसी भी व्यक्ति को बहुत ईमानदार नहीं होना
चाहिए।
सीधे वृक्ष और व्यक्ति पहले काटे जाते हैं।
6)अगर कोई सर्प जहरीला नहीं है
तब भी उसे जहरीला दिखना चाहिए वैसे दंश भले ही न
हो
पर दंश दे सकने की क्षमता का दूसरों को अहसास
करवाते रहना चाहिए।
7)कोई भी काम शुरू करने के पहले तीन सवाल अपने आपसे
पूछो...
मैं ऐसा क्यों करने जा रहा हूँ ?
इसका क्या परिणाम होगा ?
क्या मैं सफल रहूँगा?
8)भय को नजदीक न आने दो अगर यह नजदीक आये
इस पर हमला कर दो यानी भय से भागो मत
इसका सामना करो।
9)काम का निष्पादन करो, परिणाम से मत डरो।
10)सुगंध का प्रसार हवा के रुख का मोहताज़ होता है
पर अच्छाई सभी दिशाओं में फैलती है।"
11)ईश्वर चित्र में नहीं चरित्र में बसता है
अपनी आत्मा को मंदिर बनाओ।
12)व्यक्ति अपने आचरण से महान होता है
जन्म से नहीं।
13)ऐसे व्यक्ति जो आपके स्तर से ऊपर या नीचे के हैं
उन्हें दोस्त न बनाओ,
वह तुम्हारे कष्ट का कारण बनेगे।
समान स्तर के मित्र ही सुखदायक होते हैं।
14)अज्ञानी के लिए किताबें और
अंधे के लिए दर्पण एक समान उपयोगी है।
15)शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है।
शिक्षित व्यक्ति सदैव सम्मान पाता है।
शिक्षा की शक्ति के आगे युवा शक्ति और सौंदर्य
दोनों ही कमजोर है
राजा भोज ने कवि कालीदास से दस सर्वश्रेष्ट सवाल किए
1- दुनिया में भगवान की सर्वश्रेष्ठ रचना क्या है?
उत्तर- ''मां''
2- सर्वश्रेष्ठ फूल कौन सा है?
उत्तर- "कपास का फूल"
3- सर्वश्र॓ष्ठ सुगंध कौनसी है
उत्तर- वर्षा से भीगी मिट्टी की सुगंध ।
4-सर्वश्र॓ष्ठ मिठास कौनसी
- "वाणी की"
5- सर्वश्रेष्ठ दूध-
"मां का"
6- सबसे से काला क्या है
"कलंक"
7- सबसे भारी क्या है
"पाप"
8- सबसे सस्ता क्या है
"सलाह"
9- सबसे महंगा क्या है
"सहयोग"
10-सबसे कडवा क्या है
ऊत्तर- "सत्य".
वो डांट कर अपने बच्चो को अकेले मे रोती है,
.
वो माँ है, और माँ एसी ही
होती है ।
जितना बडा प्लाट होता है, उतना बडा बंगला नही होता !! जितना बडा बंगला होता है,उतना बडा दरवाजा नही होता !! जितना बडा दरवाजा होता है ,उतना बडा ताला नही होता !!
जितना बडा ताला होता है , उतनी बडी चाबी नही होती !! परन्तु चाबी पर पुरे बंगले का आधार होता है।
इसी तरह मानव के जीवन मे बंधन और मुक्ति का आधार मन की चाबी पर ही निर्भर होता है।
है मानव....तू सबकुछ कर पर किसी को परेशान मत कर,जो बात समझ न आऐ उस बात मे मत पड़ !
पैसे के अभाव मे जगत 1% दूखी है,समझ के अभाव मे जगत 99% दूखी है !!!

आज का श्रेष्ठ विचार:-
यदि आप धर्म करोगे तो भगवान से आपको माँगना पड़ेगा...,
लेकिन यदि आप कर्म करोगे तो भगवान को देना पड़ेगा..!
किरपा करके पढने के बाद अपने दोस्तों को जरुर भेजे

Friday, 12 August 2016

बच्चों की नई ज़माने की कविता

भारत का नया गीत

आओ बच्चों तुम्हे दिखायें,
शैतानी शैतान की।
नेताओं से बहुत दुखी है,
जनता हिन्दुस्तान की।।
बड़े-बड़े नेता शामिल हैं,
घोटालों की थाली में।
सूटकेश भर के चलते हैं,
अपने यहाँ दलाली में।।
देश-धर्म की नहीं है चिंता,
चिन्ता निज सन्तान की।
नेताओं से बहुत दुखी है,
जनता हिन्दुस्तान की।।
चोर-लुटेरे भी अब देखो,
सांसद और विधायक हैं।
सुरा-सुन्दरी के प्रेमी ये,
सचमुच के खलनायक हैं।।
भिखमंगों में गिनती कर दी,
भारत देश महान की।
नेताओं से बहुत दुखी है,
जनता हिन्दुस्तान की।।
जनता के आवंटित धन को,
आधा मन्त्री खाते हैं।
बाकी में अफसर-ठेकेदार,
मिलकर मौज उड़ाते हैं।।
लूट-खसोट मचा रखी है,
सरकारी अनुदान की।
नेताओं से बहुत दुखी है,
जनता हिन्दुस्तान की।।
थर्ड क्लास अफसर बन जाता,
फर्स्ट क्लास चपरासी है।
होशियार बच्चों के मन में,
छायी आज उदासी है।।
गंवार सारे मंत्री बन गये,
मेधावी आज खलासी है।
आओ बच्चों तुम्हें दिखायें,
शैतानी शैतान की।।
नेताओं से बहुत दुखी है,.
जनता हिन्दुस्तान की l