Monday, 9 May 2016

पत्नी


एक युवक बगीचे में बहुत गुस्से में बैठा था पास ही एक बुजुर्ग बैठे थे
उन्होने उस परेशान युवक से पूछा :- क्या हुआ बेटा क्यूं इतना परेशान हो
युवक ने गुस्से में अपनी पत्नी की गल्तीयों के बारे में बताया
बुजुर्ग ने मंद मंद मुस्कराते हुए युवक से पूछा बेटा क्या तुम बता सकते हो तुम्हारा धोबी कॊन है ?
युवक ने हैरानी से
पूछा :- क्या मतलब ?
बुजुर्ग ने कहा :- तुम्हारे मैले कपडे कॊन घोता है
युवक बोला :- मेरी पत्नी
बुजुर्ग ने पूछा :- तुम्हारा बावर्ची कॊन है
युवक :- मेरी पत्नी
बुजुर्ग :- तुम्हारे घर ऒर परिवार, सामान का ध्यान कॊन रखता है
युवक :- मेरी पत्नी
बुजुर्ग ने फिर पूछा :- कोई मेहमान आए तो उनका ध्यान कॊन रखता है
युवक :- मेरी पत्नी
बुजुर्ग :- परेशानी ऒर गम
में कॊन साथ देता है ,
युवक :- मेरी पत्नी
बुजुर्ग :- अपने माता पिता का घर छोड़ कर जिंदगी भर के लिए तुम्हारे साथ कॊन आता है
युवक :- मेरी पत्नी
बुजुर्ग :- बीमारी में तुम्हारा ध्यान ऒर सेवा कॊन करता है
युवक :- मेरी पत्नी
बुजुर्ग बोले :- एक बात ऒर बताओ तुम्हारी पत्नी इतना काम ऒर सबका ध्यान रखती है क्या कभी उसने तुमसे इस बात के पैसे लिए
युवक :- कभी नहीं
इस बात पर बुजुर्ग बोले कि पत्नी की एक कमी तुम्हें नजर आ गई मगर उसकी इतनी सारी खुबियां तुम्हें कभी नजर नही आई ?
आखिर पति के लिए
पत्नी क्यों जरूरी है??
मानो न मानो
जब तुम दुःखी हो तो वो तुम्हे
कभी अकेला नहीं छोड़ेगी।।
हर वक्त, हर दिन तुम्हे तुम्हारे अन्दर
की बुरी आदतें छोड़ने को कहेगी।।
हर छोटी छोटी बात पर तुमसे
झगड़ा करेगी, परंतु ज्यादा देर
गुस्सा नहीं रह पाएगी।।
तुम्हें आर्थिक मजबूती देगी।।
कुछ भी अच्छा ना हो फिर
भी तुम्हें यही कहेगी- चिन्ता मत
करो, सब ठीक हो जाएगा।।
तुम्हें समय का पाबंद बनाएगी।।
यह जानने के लिए कि तुम क्या कर
रहे हो, दिन में 15 बार फोन करके
हाल पूछेगी।।
कभी कभी तुम्हे खीझ
भी आएगी पर सच यह है कि तुम कुछ
कर नहीं पाओगे।।
..
..
चूंकि पत्नी ईश्वर का दिया एक
स्पेशल उपहार है, इसलिए
उसकी उपयोगिता जानो और
उसकी देखभाल करो।।
ये मैसेज हर विवाहित पुरुष के
मोबाइल मे होना चाहिए,
ताकि उन्हें
अपनी पत्नी के महत्व
का अंदाजा हो
अंत में हम दोनों ही होंगे !!!.
भले ही झगड़ें, गुस्सा करें,
एक दूसरे पर टूट पड़ें
एक दूसरे पर दादागिरि करने के
लिए, अंत में हम दोनों ही होंगे...
जो कहना है, वह कह ले
जो करना है, वह कर ले
एक दूसरे के चश्मे और
लकड़ी ढूंढने में,
अंत में हम दोनों ही होंगे
मैं रूठूं तो तुम मना लेना,
तुम रूठो तो मैं मना लूंगा
एक दूसरे को लाड़ लड़ाने के लिए..
अंत में हम दोनों ही होंगे
आंखें जब धुंधली होंगी,
याददाश्त जब कमजोर होगी
तब एक दूसरे को एक दूसरे
में ढूंढने के लिए,
अंत में हम दोनों ही होंगे
घुटने जब दुखने लगेंगे,
कमर भी झुकना बंद करेगी
तब एक दूसरे के पांव के नाखून काटने के लिए,
अन्त में हम दोनों ही होंगे
"अरे मुुझे कुछ नहीं हुआ,
बिलकुल नॉर्मल हूं"
ऐसा कह कर एक दूसरे को
बहकाने के लिए
अंत में हम दोनों ही होंगे
साथ जब छूट जाएगा,
विदाई की घड़ी जब आ जाएगी
तब एक दूसरे को माफ करने के लिए
अंत में हम दोनों ही होंगे!!

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