Showing posts with label Hindi me prerak prasang for school assembly. Show all posts
Showing posts with label Hindi me prerak prasang for school assembly. Show all posts

Friday 2 September 2016

प्रार्थना सभा के लिए प्रेरक प्रसंग

प्रार्थना सभा के लिए प्रेरक प्रसंग

जंगल में एक कौआ रहता था जो अपने जीवन से पूर्णतया संतुष्ट था.
लेकिन एक दिन उसने बत्तख देखी और सोचा : -
“यह बत्तख कितनी सफ़ेद है और मैं कितना काला हूँ. यह बत्तख तो संसार की सबसे ज़्यादा खुश पक्षी होगी....!”

उसने अपने विचार बत्तख को बतलाए.
बत्तख ने उत्तर दिया : - “दरअसल मुझे भी ऐसा ही लगता था कि मैं सबसे अधिक खुश पक्षी हूँ जब तक मैंने दो रंगों वाले तोते को नहीं देखा था. अब मेरा ऐसा मानना है कि तोता सृष्टि का सबसे अधिक खुश पक्षी है...!”
फिर कौआ तोते के पास गया.
तोते ने उसे समझाया : -
“मोर को मिलने से पहले तक मैं भी एक अत्यधिक खुशहाल ज़िन्दगी जीता था. परन्तु मोर को देखने के बाद मैंने जाना कि मुझमें तो केवल दो रंग हैं जबकि मोर में विविध रंग हैं...!”
तोते को मिलने के बाद
वह कौआ चिड़ियाघर में मोर से मिलने गया.
वहाँ उसने देखा कि उस मोर को देखने के लिए हज़ारों लोग एकत्रित थे.
सब लोगों के चले जाने के बाद
कौआ मोर के पास गया और बोला : -
“प्रिय मोर...!
तुम तो बहुत ही खूबसूरत हो.
तुम्हें देखने प्रतिदिन हज़ारों लोग आते हैं. पर जब लोग मुझे देखते हैं तो तुरन्त ही मुझे भगा देते हैं. मेरे अनुमान से तुम भूमण्डल के सबसे अधिक खुश पक्षी हो...!”
मोर ने जवाब दिया : -
“मैं हमेशा सोचता था
कि मैं भूमण्डल का सबसे खूबसूरत और खुश पक्षी हूँ.
परन्तु मेरी इस सुन्दरता के कारण ही मैं इस चिड़ियाघर में फँसा हुआ हूँ.
मैंने चिड़ियाघर का बहुत ध्यान से निरीक्षण किया है और तब मुझे यह अहसास हुआ कि इस पिंजरे में केवल कौए को ही नहीं रखा गया है.

इसलिए पिछले कुछ दिनों से मैं इस सोच में हूँ कि अगर मैं कौआ होता तो मैं भी खुशी से हर जगह घूम सकता था...!”
ये कहानी
इस संसार में हमारी परेशानियों का सार प्रस्तुत करती है.कौआ सोचता है
कि बत्तख खुश है, बत्तख को लगता है कि तोता खुश है, तोता सोचता है कि मोर खुश है जबकि मोर को लगता है कि कौआ सबसे खुश है.
*कथासार* : -
*दूसरों से तुलना हमें सदा दुखी करती है.*
दूसरों के लिए खुश होना चाहिए, तभी हमें भी खुशी मिलेगी.
*हमारे पास जो है उसके लिए हमें सदा आभारी रहना चाहिए.*
खुशी हमारे मन में होती है.हमें जो दिया गया है उसका हमें सर्वोत्तम उपयोग करना चाहिए
*हम दूसरों के जीवन का अनुमान नहीं लगा सकते. हमें सदा कृतज्ञ रहना चाहिए*.
जब हम जीवन के इस तथ्य को समझ लेंगें तो सदा प्रसन्न रहेंगें l