Tuesday, 29 September 2015

बुरा समय

कीचड़ में पैर फंस जाये तो
नल के पास जाना चाहिए
मगर.........
नल को देखकर,
कीचड़ में नही जाना चाहिए,
इसी प्रकार..
जिन्दगी में बुरा समय आ जाये
तो....
पैसों का उपयोग करना चाहिए
मगर....... 
पैसों को देखकर
बुरे रास्ते पर नही जाना चाहिए ।
पैसा  एक  ही  भाषा  बोलता  है,
अगर तुमने "आज" मुझे बचा लिया तो..
"कल"  मै तुम्हे  बचा  लूंगा

"पैसा फिर कहता है, भले मैं उपर साथ नहीं जाऊंगा पर
जब तक मै नीचे हो
तुझे बहुत उपर लेके जाऊंगा..

क्या आप जानते हैं?

क्या आप जानते हैं?
* खड़े खड़े पानी पीने वाले का घुटना दुनिया का कोई डॉक्टर ठीक नहीँ कर सकता।
* तेज पंखे के नीचे या A. C. में सोने से मोटापा बढ़ता है।
* 70% दर्द में एक ग्लास गर्म पानी किसी भी पेन किलर से भी तेज काम करता है।
* कुकर में दाल गलती है, पकती नहीँ। इसीलिए गैस और एसिडिटी करती है।
* अल्युमिनम के बर्तनों के प्रयोग से अंग्रेजों नें देशभक्त भारतीय क़ैदियों को रोगी बनाया था।
* शर्बत और नारियल पानी सुबह ग्यारह के पहले अमृत है।
* लकवा होते ही मरीज के नाक में देशी गाय का घी डालने से लकवा पन्द्रह मिनट मेँ ठीक हो जाता है।
* देशी गाय के शरीर पर हाथ फेरने से 10 दिन में ब्लड प्रेसर नॉर्मल हो जाता है।
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जवानी के दिन

एक दादा और एक दादी ने अपनी  जवानी के दिनों को ताज़ा  और relive करने की सोची.
 

उन्होन्ने  प्लान किया कि वो एक बार शादी से पहले के दिनों की तरह छुप कर नदी किनारे मिलेंगे.

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दादा तैयार शैयार होकर, बांके स्टाइल वाला बाल संवार  कर, लंबी टहनी वाला खूबसूरत लाल गुलाब  हाथ में लेकर नदी किनारे की पुरानी जगह पहूंच गये. उनका उत्सुक इंतज़ार शुरू हो गया. ताज़ी ठंढी हवा बहुत रोमैंटिक लग रही थी.

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एक घंटा गुजरा, दूसरा भी, यहां तक कि तीसरा भी . पर दादी दूर दूर तक नहीं दिखी.

दादा अपना सेलफोन भी नहीं ले गये थे क्यों कि उनके तब के वक्त में तो PCO भी नहीं होते थे. नदी किनारे तो नहीं ही.

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दादा को फ़िक्र नहीं हुई, बहुत गुस्सा आया .

झल्लाते हुए घर पहुंचे .......
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तो देखा

दादी
.कुर्सी पर बैठी मुस्करा रही थी.

.दादा, लाल पीले होते हुए

" तुम आयीं क्यों
नहीं ?"

दादी, शरमाते हुए.

."मम्मी ने आने नहीं दिया."

मांस का मूल्य

मगध के सम्राट् श्रेणिक ने एक बार अपनी राज्य-सभा में पूछा कि- "देश की खाद्य समस्या को सुलझाने के लिए सबसे सस्ती वस्तु क्या है? "

मंत्रि-परिषद् तथा अन्य सदस्य सोचमें पड़ गये। चावल, गेहूं, आदि पदार्थ तो बहुत श्रम बाद मिलते हैं और वह भी तब, जबकि प्रकृति का प्रकोप न हो। ऐसी हालत में अन्न तो सस्ता हो नहीं सकता। शिकार का शौक पालने वाले एक अधिकारी ने सोचा कि मांस ही ऐसी चीज है, जिसे बिना कुछ खर्च किये प्राप्त किया जा सकता है।

उसने मुस्कराते हुए कहा-
"राजन्! सबसे सस्ता खाद्य पदार्थ तो मांस है। इसे पाने में पैसा नहीं लगता और पौष्टिक वस्तु खाने को मिल जाती है।"

सबने इसका समर्थन किया, लेकिन मगध का प्रधान मंत्री अभय कुमार चुप रहा।

श्रेणिक ने उससे कहा, "तुम चुप क्यों हो? बोलो, तुम्हारा इस बारे में क्या मत है?"

प्रधान मंत्री ने कहा, "यह कथन कि मांस सबसे सस्ता है, एकदम गलत है। मैं अपने विचार आपके समक्ष कल रखूंगा।"

रात होने पर प्रधानमंत्री सीधे उस सामन्त के महल पर पहुंचे, जिसने सबसे पहले अपना प्रस्ताव रखा था।

अभय ने द्वार खटखटाया।

सामन्त ने द्वार खोला। इतनी रात गये प्रधान मंत्री को देखकर वह घबरा गया। उनका स्वागत करते हुए उसने आने का कारण पूछा।

प्रधान मंत्री ने कहा -
"संध्या को महाराज श्रेणिक बीमार हो गए हैं। उनकी हालत खराब है। राजवैद्य ने उपाय बताया है कि किसी बड़े आदमी के हृदय का दो तोला मांस मिल जाय तो राजा के प्राण बच सकते हैं। आप महाराज के विश्ववास-पात्र सामन्त हैं। इसलिए मैं आपके पास आपके हृदय का दो तोला मांस लेने आया हूं। इसके लिए आप जो भी मूल्य लेना चाहें, ले सकते हैं। कहें तो लाख स्वर्ण मुद्राएं दे सकता हूं।"

यह सुनते ही सामान्त के चेहरे का रंग फीका पड़ गया। वह सोचने लगा कि जब जीवन ही नहीं रहेगा, तब लाख स्वर्ण मुद्राएं भी किस काम आएगी!

उसने प्रधान मंत्री के पैर पकड़ कर माफी चाही और अपनी तिजौरी से एक लाख स्वर्ण मुद्राएं देकर कहा कि इस धन से वह किसी और सामन्त के हृदय का मांस खरीद लें।

मुद्राएं लेकर प्रधानमंत्री बारी-बारी से सभी सामन्तों के द्वार पर पहुंचे और सबसे राजा के लिए हृदय का दो तोला मांस मांगा, लेकिन कोई भी राजी न हुआ। सबने अपने बचाव के लिए प्रधानमंत्री को एक लाख, दो लाख और किसी ने पांच लाख स्वर्ण मुद्राएं दे दी। इस प्रकार एक करोड़ से ऊपर स्वर्ण मुद्राओं का संग्रह कर प्रधान मंत्री सवेरा होने से पहले अपने महल पहुंच गए और समय पर राजसभा में प्रधान मंत्री ने राजा के समक्ष एक करोड़ स्वर्ण मुद्राएं रख दीं।

श्रेणिक ने पूछा, "ये मुद्राएं किसलिए हैं?"

प्रधानमंत्री ने सारा हाल कह सुनाया और बोले -
" दो तोला मांस खरीदने के लिए इतनी धनराशी इक्कट्ठी हो गई किन्तु फिर भी दो तोला मांस नहीं मिला। अपनी जान बचाने के लिए सामन्तों ने ये मुद्राएं दी हैं। अब आप सोच सकते हैं कि मांस कितना सस्ता है?"

जीवन का मूल्य अनन्त है। हम यह न भूलें कि जिस तरह हमें अपनी जान प्यारी होती है, उसी तरह सभी जीवों को अपनी जान प्यारी होती है ।

जियो और जीने दो

प्राणी मात्र की रक्षा हमारा धर्म है..!! .
शाकाहार अपनाओ…

जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी

धर्मपत्नी -
बीवी ने पेंटर से अपना पोट्रेट बनवाया फिर कुछ सोच कर पेंटर को कहा की गले में नवलखा हार भी बना दो
पेंटिंग बनने के बाद पेंटर ने पूछा आपने ऐसा क्यों किया।।
बीवी बोली कभी मे मर गयी तो ये दूसरी शादी कर लेंगे
नई वाली आएगी तो ये हार ढूंढेगी और मिलेगा नहीं तो झगड़ा होगा
तब मेरी आत्मा को सच्चा सुकून मिलेगा .

इसे कहते है, जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी

Western Culture और लड़कियाँ

एक लड़की से मैने पुछा:- बहन तुमने यह Artificial Ear Rings, Locket aur Ring क्यों पहनी है। तुम्हारे Branded कपड़ो से तो तुम गरीब नहीं लग रही।

लड़की बोली:- भाई आज कल असली गहने पहनने का जमाना नहीं, गली गली चोर घुम रहे है। घरवाले पुलिस वाले हर कोई मना करता है असली पहनने को।

मैने पूछा बहन पर कोई तुम्हें ऐसा करने से कैसे रोक सकता है, जबकी यह तुम्हारा अधिकार(Rights) है। कानून भी तुम्हे ऐसा करने से नहीं रोक सकता। फिर तुम पर ऐसी पाबंदी क्यों?

लड़की बोली:- तुम पागल तो नही हो गए। आज कल गली गली चोर बदमाश घूम रहे है, क्या मैं इतने कीमती जवाहर ऐसे ही लुटवाती रहूँ। अधिकार(Rights) तो तुम्हे याद है पर कर्तव्य (Duty) भूल गए।

मैने बोला:- बहन मै तुम्हे यही बताना चाहता था। तुम्हारे शरीर/तुम्हारी इज्जत से कीमती गहना कोई नहीं। सोने चांदी हीरे के गहने तो तुम छुपा कर रखती हो पर अनमोल गहने की तुम नुमाइश कर रही ही।

जबकी तुम्हे भी पता है गली गली दरिंदे हैवान घूम रहे है। छोटे कपड़े पहनना तुम्हारा अधिकार(Rights) है, पर जैसे तुम सोना चांदी के गहनों को संभालना अपना कर्तव्य (Duty) समझती हो वैसे ही इज्जत को पर्दे में रखना तुम्हारा कर्तव्य (Duty) है। चोर हो या बलात्कारी उन्हें शिक्षा/संस्कार/इज्जत से कुछ लेना देना नहीं। हमें खुद ही संभाल कर चलना पड़ेगा।

अपनी आँखों पर से पश्चिमी सभ्यता (Western Culture) का चश्मा उतारना होगा। नारी के जरा से वस्त्र खींच लेने मात्र पर " महाभारत " लड़ने वाले आज देश की दुर्दशा देखिये.....!

" आज उसी नारी को दुपट्टा लेने को बोल दो तो " महाभारत" हो जाती है।

Jokes jokes jokes

वकील: "माई लार्ड, कानून की किताब के पेज नंबर 15 के मुताबिक मेरे मुवक्किल को बा-इज्जत बरी किया जाये।

जज: "किताब पेश की जाये।"

किताब पेश की गयी, जज ने पेज नंबर 15 खोला तो उसमें 1000 के 5 नोट थे।
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जज मुस्कुराते हुए बोला:-
"बहुत खूब!!!! इस तरह के 2 सबूत और पेश किये जाये।""

हायकोर्ट ने आज ये स्पष्ट किया है क़ि.....
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अगर पति परमेश्वर है ...!!
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तो....
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बॉय फ्रैंड भी
छोटा मोटा भैरो बाबा माना जायेगा ।।।।

Most Awarded Joke of 2015

टीचर - 1 से 10 तक गिनती सुनाओ।

संता ..1, 2, 3, 4, 5, 7, 8, 9, 10..

टीचर - 6 कहां है ?

संता - जी वो तो मर गया।

टीचर - मर गया? कैसे मर गया???

संता ...जी मैडम, आज सुबह टीवी पर न्यूज में बता रहे थे कि स्वाईन फ्रलू में 6 की मौत हो गई !

नौकरी के लिए इंटरव्यू चल रहा था....

बहुत लम्बी लाइन लगी हुई थी...

गेट पर लिख रखा था......
अंदर आने के लिए जो सबसे कम शब्द बोलेगा उसे नौकरी दी जाएगी...

अब कोई कहे:- मै आई कम इन सर...

कोई:- क्या में अन्दर आ सकती हूँ...

कोई कुछ कोई कुछ ...
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एक जाट बड़ी गौर ते देखे था...

इब जाट का नंबर आया..

जाट ने कमरे के गेट में गर्दन भीतर करी और
बोल्या :----
बडू.....

एक बार एक चौधरी अपने लड़के के लिये लड़की देखने गया

लड़की कुछ ज्यादा ही काली थी, चौधरी को बिलकुल पसंद नहीं आई

लड़की का बाप बोला- चौधरी साहब लड़की पसंद कर जाओ, कार दे देंगे दहेज़ में

चौधरी बोला - भाई तू तो कार दे देगा, अगर ये काला जामुन हमारे घर आ गया तो अगली पीढ़ी में हमें हमारी लड़की ब्याहने के लिए हेलीकॉप्टर देना पड़ेगा!!!!!

हरियाणवी कुवाँरा ब्याह न होने के कारण दुखी होकर अपने दोस्त से बोला-
 
"मनैं तो कई बार यू लागै
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कि मेरी वाली तो भ्रुण
हत्या में मारी गई.."

एक पागल खाली पेपर को बार-बार चूम रहा था।

दूसरा पागल- ये क्या है?

पहला- लव लेटर है।

दूसरा- मगर ये तो खाली है।

पहला- आज कल बोलचाल बंद है।

एक शराबी सड़क के किनारे बहुत ज्यादा पीने के कारण लगभग बेसुध सा पड़ा हुआ था.
एक भले आदमी ने उसके पास आकर पूछा –
“आखिर इतनी ज्यादा पीनेकी क्या जरूरत थी ?
”शराबी – “मजबूरी थी … पीने के अलावा और कोई चारा ही नहीं था..
भला आदमी – “आखिर ऐसी क्या मजबूरी हो गई थी ?”.
शराबी – “बोतल का ढक्कन गुम हो गया था … !”..