Monday 25 July 2016

शिक्षकों से सावधान

मास्टर साहब
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वो एक्सप्रेस ट्रेन करीब-करीब खाली ही थी।
मास्टर साहब जिस एसी-3 कोच में बैठे थे, उसमें बहुत कम यात्री थे।
उनके वाले पोर्शन में भी उनके अलावा दूसरा कोई यात्री नहीं था।
तभी एक महिला कोच में उनके वाले पोर्शन में आई और मास्टर साहब से बोली- "मिस्टर, तुम्हारे पास जो भी मालपानी, रुपया, पैसा, सोना, घड़ी, मोबाइल है, सब मुझे सौंप दो। नहीं तो मैं चिल्लाऊँगी कि तुमने मेरे साथ छेड़छाड़ की है।"
मास्टर साहब ने शांति से अपने ब्रीफकेस में से एक कागज निकाला और उस पर लिखा- "मैं मूक-बधिर हूँ। न बोल सकता हूँ और न ही सुन सकता हूँ। तुम्हें जो कुछ कहना है, इस कागज पर लिख दो।"
महिला ने उनसे जो कहा था, वह उस कागज पर लिखकर दे दिया।
मास्टर साहब ने उस कागज को मोड़कर हिफाजत से अपनी जेब में रखा और बोले- "हाँ, अब चिल्लाओ कि मैंने तुम्हारे साथ छेड़छाड़ की है। अब मेरे पास तुम्हारा लिखित बयान है।"
यह सुनते ही महिला वहाँ से यूँ भागी जैसे उसने भूत देख लिया हो !!!!
*(शिक्षकों से सावधान)*

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